जम्मू एवं कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के युवा कमांडो लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह को गणतंत्र दिवस पर गुरुवार को शांतिकाल के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किया गया।

इस क्रम में वह अपने सहयोगी जवान को बचाने में भी कामयाब रहे। उसे सुरक्षित बाहर निकालने के बाद वह तब तक गोली चलाते रहे, जब तक कि खुद अचेत नहीं हो गए।
महज पांच माह की अपनी सैन्य सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले ले. नवदीप सिंह ने 20 अगस्त, 2011 को जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर गुरेज सेक्टर में हुई मुठभेड़ के दौरान कमांडो अभियान की अगुवाई करते हुए 12 आतंकियों के सफाए में कामयाबी दिलाई। अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी के इस युवा सैन्य अधिकारी ने अपने साथी के ओर चली हुयी गोली भी अपने सीने पर झेली।
आज जब पूरा देश 63वें गणतंत्र दिवस समारोह के जोश में झूम रहा है हम नहीं भूलना चाहिए उन जांबाजो को जो देश की सीमा पर अपनी जान की बाज़ी लगा देते है ताकि हम और आप अपने अपने घरो में चैन की नींद ले सकें !
सभी मैनपुरी वासियों की ओर से लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह को शत शत नमन !!
जय हिंद … जय हिंद की सेना !!!
shikha varshney
जनवरी 26, 2012 at 8:43 अपराह्न
सेल्यूट…
जयदीप शेखर
जनवरी 26, 2012 at 9:15 अपराह्न
शहीदों के नाम, उनकी तस्वीर तथा उनकी वीरता का जिक्र संसद-भवन की दीवारों पर होना चाहिए! कुछ तो असर पड़े हमारे माननीयों पर!! कोई शक? कोई सवाल??
शहीद को सैल्यूट!
Archana
जनवरी 26, 2012 at 9:57 अपराह्न
मेरा सलाम इस जांबाज को..
प्रवीण पाण्डेय
जनवरी 26, 2012 at 10:16 अपराह्न
शहीद को नमन..
चला बिहारी ब्लॉगर बनने
जनवरी 26, 2012 at 10:46 अपराह्न
नमन!!
Shah Nawaz
जनवरी 27, 2012 at 9:54 पूर्वाह्न
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशाँ होगा…
रश्मि प्रभा...
जनवरी 27, 2012 at 7:54 अपराह्न
मैं सांस सांस इस शहादत को सम्मान देती हूँ …
boletobindas
जनवरी 28, 2012 at 2:58 पूर्वाह्न
जय हिंद
BS Pabla
जनवरी 29, 2012 at 1:29 अपराह्न
जय हिंद की सेना