बताओ करें तो करें क्या ……………….??????
हाँ हाँ यादो में है अब भी ,
क्या सुरीला वो जहाँ था ,
हमारे हाथो में रंगीन गुब्बारे थे
और दिल में महेकता समां था ……….
वो खवाबो की थी दुनिया ……….
वो किताबो की थी दुनिया ………………
साँसों में थे मचलते ज़लज़ले और
आँखों में ‘वो’ सुहाना नशा था |
क्या सुरीला वो जहाँ था ,
हमारे हाथो में रंगीन गुब्बारे थे
और दिल में महेकता समां था ……….
वो खवाबो की थी दुनिया ……….
वो किताबो की थी दुनिया ………………
साँसों में थे मचलते ज़लज़ले और
आँखों में ‘वो’ सुहाना नशा था |
वो जमी थी , आसमां था ………..
हम खड़े थे ,
क्या पता था ???
हम खड़े थे जहाँ पर उसी के किनारे एक गहेरा सा ‘अंधा कुआँ‘ था ………………
फ़िर ‘वो’ आए ‘भीड़’ बन कर ,
हाथो में थे ‘उनके’ खंज़र …………….
बोले फैंको यह किताबे , और संभालो यह सलाखें !!!
यह जो गहेरा सा ‘कुआँ’ है …………….
हाँ …. हाँ …. ‘अंधा’ तो नहीं है !!
इस ‘कुएं’ में है ‘खजाना’ ……
कल की दुनिया तो ‘यही’ है ….
कूद जाओ ले के खंज़र ……
काट डालो जो हो अन्दर …………
तुम ही कल के हो…………..
‘शिवाजी’
……….‘सिकंदर’
……………. ||हम ने ‘वो’ ही किया जो ‘उन्होंने’ कहा,
क्युकी ‘उनकी’ तो ‘खवहिश’ यही थी ……
हम नहीं जानते यह भी कि क्यों ‘यह’ किया ………….
हम नहीं जानते यह भी कि क्यों ‘यह’ किया ………….
क्युकी ‘उनकी’ ‘फरमाइश’ यही थी |
अब हमारे लगा ‘ज़एका’ ‘खून’ का ………
अब बताओ करें तो करें क्या ???
नहीं है ‘कोई’ जो हमें कुछ बताएं …………..
बताओ करें तो करें …………..
अब बताओ करें तो करें क्या ???
नहीं है ‘कोई’ जो हमें कुछ बताएं …………..
बताओ करें तो करें …………..
‘क्या’ ??????
फ़िल्म :- गुलाल ; संगीत :- पियूष मिश्रा ; गीतकार :- पियूष मिश्रा
२६/११ के सभी अमर शहीदों को सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से शत शत नमन !
महेन्द्र मिश्र
नवम्बर 25, 2010 at 4:01 अपराह्न
२६/११ के सभी अमर शहीदों को शत शत नमन …. यादें तरोताजा कर दी…. आभार
संगीता स्वरुप ( गीत )
नवम्बर 25, 2010 at 4:13 अपराह्न
उद्द्वेलित करती रचना ….
रंजना
नवम्बर 25, 2010 at 6:12 अपराह्न
kya kahun….
अजय कुमार झा
नवम्बर 25, 2010 at 7:07 अपराह्न
हमारी भी श्रद्धांजलि और उस दिन अपनों को खो चुके हर परिवार को हमारा नमन
संगीता स्वरुप ( गीत )
नवम्बर 25, 2010 at 7:25 अपराह्न
आपकी इस पोस्ट का लिंक कल शुक्रवार को (२६–११– २०१० ) चर्चा मंच पर भी है …
http://charchamanch.blogspot.com/
—
Indranil Bhattacharjee ........."सैल"
नवम्बर 25, 2010 at 7:32 अपराह्न
26/11 के शहीदों को मेरा नमन और श्रद्धांजलि !
abhi
नवम्बर 25, 2010 at 8:36 अपराह्न
केवल “हमारी श्रद्धांजलि” कहना भी कम है उन लोगों के लिए 😦
उनके परिवार वालों के बारे में सोच आँखें नम हो जाती हैं.
चला बिहारी ब्लॉगर बनने
नवम्बर 25, 2010 at 9:40 अपराह्न
शहीदों को सलाम!मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना!और आतंकियों की मलामत!!
Shah Nawaz
नवम्बर 26, 2010 at 8:19 पूर्वाह्न
26/11 के अमर शहीदों को मेरी और से भी श्रद्धांजलि… हालाँकि उनके परिवार वालो के गम को हम दूर तो नहीं कर सकते लेकिन उस गम को महसूस करके उनके गम में साझा तो हो ही सकते हैं. और खुदा से दुआ करता हूँ कि अमन के दुश्मनों को सद्भुद्धि दे.
डॉ॰ मोनिका शर्मा
नवम्बर 26, 2010 at 9:43 पूर्वाह्न
निशब्द कर देने वाली रचना…. हृदयस्पर्शी
देश के उन सभी सपूतों को मेरा भी नमन……
अविनाश
नवम्बर 26, 2010 at 12:29 अपराह्न
श्रद्धांजलि।
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वन्दना
नवम्बर 26, 2010 at 12:31 अपराह्न
२६/११ के सभी अमर शहीदों को शत शत नमन
निशब्द हूँ।
Asha
नवम्बर 26, 2010 at 12:33 अपराह्न
आपकी रचना बहुत अच्छी है |गाया गया भी अच्छा लगा |बधाई
आशा
दिगम्बर नासवा
नवम्बर 26, 2010 at 1:58 अपराह्न
26/11 के शहीदों को नमन और श्रद्धांजलि … आँखें नम हो जाती हैं …
अनुपमा पाठक
नवम्बर 26, 2010 at 5:24 अपराह्न
शहीदों को नमन!
उद्वेलित करती सुन्दर रचना!
sanu shukla
नवम्बर 26, 2010 at 7:56 अपराह्न
विनम्र श्रृद्धांजलि
sanu shukla
नवम्बर 26, 2010 at 7:57 अपराह्न
विनम्र श्रृद्धांजलि
सतीश सक्सेना
नवम्बर 26, 2010 at 8:18 अपराह्न
इन शहीदों को श्रद्धांजलि शिवम् भैया ! बहुत महत्वपूर्ण पोस्ट लिखी है आपने ! शुभकामनायें !
lokendra singh rajput
नवम्बर 27, 2010 at 2:10 पूर्वाह्न
२६/११ के शहीदों श्रद्धांजलि।
ZEAL
नवम्बर 27, 2010 at 8:22 पूर्वाह्न
अमर शहीदों को नमन !