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Category Archives: लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2009

मोहिंदर अमरनाथ कों वर्ष 2008-09 का ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’


भारत की 1983 विश्व कप जीत के नायक पूर्व आलराउंडर मोहिंदर अमरनाथ को बीसीसीआई ने वर्ष 2008-09 के लिए सीके नायडू ‘लाइ फटाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार देने की घोषणा की।

अमरनाथ को बीसीसीआई के समारोह में यह पुरस्कार दिया जाएगा जिसमें उन्हें एक ट्राफी और 15 लाख रुपये मिलेंगे। अमरनाथ ने 1969 से 1988 तक चले अपने करियर में 69 टेस्ट मैच में 4378 रन बनाए। उन्होंने इसके अलावा 85 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 1924 रन भी जोड़े। उन्हें 1983 विश्व कप के सेमीफाइनल और फाइनल में मैन आफ द मैच चुना गया था।

अमरनाथ ने 1969 में बिल लारी की अगुवाई वाली आस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ टेस्ट मैचों में पदार्पण किया। वह 1981-82 में रणजी खिताब जीतने वाली दिल्ली टीम के कप्तान भी थे। स्वतंत्र भारत के पहले टेस्ट कप्तान और मोहिंदर के पिता लाला अमरनाथ 1994 में शुरू हुए इस पुरस्कार को हासिल करने वाले पहले क्रिकेटर थे। उन्होंने बांग्लादेश और मोरक्को की राष्ट्रीय टीमों के अलावा राजस्थान की रणजी ट्राफी टीम को कोचिंग भी दी।

आज भी अमरनाथ क्रिकेट कों एक कमेंटेटर के रूप में अपना योगदान दे रहे है |

मैनपुरी जनपद के सभी क्रिकेट प्रेमियों की ओर से मोहिंदर अमरनाथ जी कों बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

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गुलजार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

ऑस्कर विजेता गुलजार को सिनेमा जगत में उनके योगदान के लिए 11वें ओसियान सिने फिल्म समारोह में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2009 से सम्मानित किया जाएगा। गुलजार को यह पुरस्कार राजधानी में 24 अकतूबर को उद्घाटन समारोह में दिया जाएगा।
ओसियान की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि यह पुरस्कार गुलजार की रचनात्मकता और मनोरंजन जगत को उनके योगदान का सम्मान है जो सांस्कृतिक भाषाई और अन्य सीमाओं से परे है।
विमल राय की फिल्म बंदिनी के गीत मोरा गोरा रंग लई ले से प्रसिद्धि पाने वाले गुलजार मुसाफिर हूं यारो (परिचय), तेरे बिना जिन्दगी से कोई (आंधी), मेरा कुछ सामान (इजाजत) और तुझसे नाराज नहीं जिन्दगी (मासूम) जैसे यादगार गीत लिखने के लिए जाने जाते हैं।
हाल ही में धूम मचाने वाले उनके गीतों में कजरारे अमिताभ बच्चन अभिनीत बंटी और बबली बीड़ी जलाई ले (ओमकारा) और स्लमडॉग मिलेनियर का गीत जय हो शामिल है जिसने इस साल का ऑस्कर जीता।
गुलजार ने आंधी, परिचय, मौसम और माचिस जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया है। गुलजार सिनेमा हस्ती ही नहीं, बल्कि जाने माने कवि भी हैं जिन्हें 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
पिछले साल लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार वरिष्ठ फिल्म निर्माता मृणाल सेन को मिला था।

सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से गुलज़ार साहब को बहुत बहुत बधाईयां और शुभकामनाएं !