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ब्लॉगर पवन कुमार जी के पैतृक आवास में चोरी

01 दिसम्बर
आईएएस अधिकारी और जाने माने ब्लॉगर श्री पवन कुमार जी के पैतृक आवास में सो रहे परिजनों को एक कमरे में बंद कर चोरों ने नगदी, सोने चांदी के आभूषण चुरा लिए। चोरों की आहट पर मकान के नीचे के कमरे में सो रहे युवक के जागने पर चोर भाग गए। आईएएस अधिकारी के पैतृक आवास से चोरी की जानकारी होते ही पुलिस हरकत में आ गई। पवन जी के छोटे भाई हृदेश सिंह ने चोरी की तहरीर थाने में दे दी है।
थाना कोतवाली के राजा का बाग निवासी पवन कुमार सिंह नोएडा में सीडीओ के पद पर तैनात हैं। उनके परिवार के लोग राजा का बाग में निवास करते हैं। उनके आवास में पिछले दिनों निर्माण कार्य करने के लिए मजदूरों को लगाया गया था। मंगलवार की रात पवन जी के परिवार के लोग घर में सो रहे थे। रात दो बजे के बाद अज्ञात चोर घर में प्रवेश कर गए। चोरों ने मकान के ऊपरी हिस्से में बने उस कमरे की कुंडी बाहर से बंद कर दी। जिसमें परिवार की महिलायें तथा पुरुष लेटे थे। चोरों ने दूसरे कमरे का ताला तोड़कर प्रवेश कर लिया।
बताते हैं कि इस कमरे में रखी एक अलमारी का चोरों ने किसी तरह ताला खोल लिया। अलमारी में रखी 40 हजार रुपये की नगदी, सोने चांदी के आभूषण चुरा लिए। परिजनों के अनुसार चोर लगभग दो लाख कीमत के आभूषण चुरा ले गए हैं। इसी बीच चोरों की आहट पाकर मकान के नीचे के कमरे में सो रहा पवन जी का छोटा  भाई श्यामकांत  जाग गया। वह मकान के ऊपरी हिस्से में आया तो चोर छत से कूदकर भाग गए। श्यामकांत ने बंद कमरे की कुंडी खोलकर परिजनों को बाहर निकाला। परिजनों ने चोरी की पुलिस को सूचना दे दी। पवन जी को भी परिजनों ने चोरी हो जाने की सूचना रात में ही फोन से दे दी। पवन  जी ने एस पी नितिन तिवारी को अपने आवास में चोरी हो जाने की सूचना दी। आईएएस के मकान में चोरी की जानकारी होते ही पुलिस में हड़कंप मच गया। सीओ सिटी आरके मिश्रा मौके पर आ गए। पुलिस ने परिजनों से भी चोरी के संबंध में जानकारी ली। परिजनों के बताए अनुसार पुलिस चोरी के शक में चार मजदूरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पवन जी के छोटे भाई हृदेश कुमार सिंह ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
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6 टिप्पणियां

Posted by पर दिसम्बर 1, 2011 में बिना श्रेणी

 

6 responses to “ब्लॉगर पवन कुमार जी के पैतृक आवास में चोरी

  1. सतीश सक्सेना

    दिसम्बर 1, 2011 at 12:02 अपराह्न

    कोई सुरक्षित नहीं ….
    बधाई पुलिस को !

     
  2. रवीन्द्र प्रभात

    दिसम्बर 1, 2011 at 7:08 अपराह्न

    यह तो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है !

     
  3. प्रवीण पाण्डेय

    दिसम्बर 1, 2011 at 10:10 अपराह्न

    बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना।

     
  4. कुमार राधारमण

    दिसम्बर 1, 2011 at 10:13 अपराह्न

    आइएएस का मामला है। कम से कम इस मामले में तो पुलिस को सफलता मिलनी चाहिए।

     
  5. मनोज कुमार

    दिसम्बर 1, 2011 at 10:18 अपराह्न

    दुर्भाग्यपूर्ण।

     
  6. Monika Jain "मिष्ठी"

    जनवरी 3, 2012 at 10:48 अपराह्न

    Sach Koi Surakshit nhi
    bhagwan ke ghar m bhi chori hoti hai aur IAS ke yahan bhi
    Welcome To
    मिश्री की डली ज़िंदगी हो चली

     

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