ऐसा नहीं है कि केवल प्राइवेट कंपनियों में काम करने वालों को ही रिटायरमेंट की प्लानिंग करने की जरूरत है, बल्कि सरकारी कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद गुजर-बसर के लिए पहले से पर्याप्त इंतजाम कर लेने चाहिए क्योंकि नौकरी के बाद सरकार आपकी बाकी जिंदगी का बोझ अपने कंधों पर नहीं ढोने वाली। भले ही आप अभी जवानी का लुत्फ उठा रहे हों और रिटायरमेंट में 30 साल से भी ज्यादा का वक्त हो, लेकिन इस बारे में सोचने के लिए यही सही समय है।
वैसे तो रिटायरमेंट का मतलब आप बहुत अच्छी तरह समझते हैं। इसका मतलब है जब आप अपनी नियमित नौकरी से निवृत्त होकर कमाई करने की सामर्थ्य खो चुके हों। अगर रिटायरमेंट की उम्र 55-60 के बीच मानी जाए तो इस हिसाब से सेवानिवृत्ति के बाद आपको जिंदगी के करीब बीस साल और काटने होते हैं।
दूसरे शब्दों में कहें तो आपको अपनी नौकरी के दौरान इतनी पूंजी बचानी होगी कि रिटायरमेंट के बाद करीब दो दशक तक आप उस बचत के सहारे अच्छी तरह जीवनयापन कर सकें।
जल्दी करें शुरुआत
अब सवाल उठता है कि रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाने की शुरुआत कब से करनी चाहिए। अगर वित्तीय सलाहकारों की मानें तो आप जितनी जल्दी शुरू करेंगे, उतने ही फायदे में रहेंगे। इसके लिए आप अपनी मौजूदा कमाई को देखते हुए रिटायरमेंट के बाद जीवनयापन के लिए जरूरी रकम का हिसाब लगाएं और उसी हिसाब से बचत शुरू कर दें।
अगर जल्दी बचत करना न शुरू किया तो 60 साल के बाद करीब 20 साल की जिंदगी गुजारने के लिए पर्याप्त पूंजी का इंतजाम करना आपके लिए बड़ी चुनौती हो जाएगी। उम्र बढ़ने के साथ हमारी कमाने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। ऐसे में रिटायरमेंट के लिए ज्यादा सेविंग करना काफी मुश्किल हो जाएगा।
रिटायरमेंट की प्लानिंग करते समय ख्याल रखें कि आपको बच्चे की पढ़ाई और उसकी शादी जैसे कुछ और आर्थिक लक्ष्य भी पूरे करने हैं। इसलिए खुद को दोनों वित्तीय जरूरतें एक साथ पूरी करने के लिए पहले से तैयार रखें।
महंगाई का भी रखें ख्याल
खाने से लेकर पहनने तक, घूमने से लेकर ठहरने तक, मल्टीप्लेक्स से लेकर हास्पिटल तक, पढ़ाई से लेकर शादी तक, घर से लेकर कार तक, पंखे से लेकर एसी तक हर जगह महंगाई का राक्षस मुंह फैलाए खड़ा है। माना कि आज महंगाई अपने चरम है, लेकिन दिनोंदिन बढ़ती मांग को देखते हुए यह कहना बहुत मुश्किल है कि भविष्य में मुद्रास्फीति की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी और चीजें सस्ती हो जाएंगी। महंगाई एक साइलेंट टैक्स की तरह है, जिसका हम सब भुगतान कर रहे हैं।
बढ़ती कीमतों ने जिंदगी जीने की लागत बढ़ा दी है, अगर इसी अनुपात में कमाई न बढ़ी तो निश्चित तौर पर हमें अपनी लाइफ स्टाइल से समझौता करना पड़ेगा। जब महंगाई का बिच्छू आज इतनी जोर का डंक मार रहा है तो रिटायरमेंट के बाद ये आपका क्या हाल करेगा? इसलिए जरूरी है कि ऐसी व्यवस्था करें जिससे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रकम का रिटर्न दीर्घावधि की मुद्रास्फीति दर से ज्यादा हो।
एक अनुमान के मुताबिक मुद्रास्फीति को देखते हुए बीस साल बाद जीवनयापन के लिए आज के मुकाबले करीब दोगुनी रकम की जरूरत होगी। इसलिए जब भी रिटायरमेंट के लिए निवेश साधन चुनें तो यह जरूर सोच लें कि क्या 20-30 साल बाद इससे पर्याप्त पूंजी जुटाई जा सकेगी?
कहां निवेश करना फायदेमंद
ऐसी जगह निवेश करें, जिससे दीर्घावधि में आपको महंगाई दर के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिले। अगर आप युवा हैं तो ज्यादा जोखिम वाले निवेश साधन अपना सकते हैं, क्योंकि आपके रिटायरमेंट में अभी काफी समय है। अगर आप प्रौढ़ हैं या रिटायरमेंट के करीब हैं तो आपको ज्यादा जोखिम भरे साधनों में निवेश से बचना चाहिए और सुरक्षित व गारंटीड रिटर्न वाले साधन अपनाने चाहिए।
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए आप पीएफ, ईपीएफ, इक्विटी, पेंशन प्लान, एम्युनिटीज और प्रापर्टी इंवेस्टमेंट जैसे साधनों का चुनाव कर सकते हैं। किसी प्रापर्टी में निवेश करना अच्छा विकल्प है क्योंकि रिटायरमेंट के बाद आप इसके किराए से कमाई कर सकते हैं।
हेल्थकेयर का क्या?
हर चीज को मेंटीनेंस की दरकार होती है। फिर चाहें आपकी गाड़ी हो या आपकी सेहत। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर के पुर्जो को उतनी ही ज्यादा देखरेख की जरूरत पड़ती है। रिटायरमेंट के बाद जब आपको इस देखरेख की सबसे ज्यादा जरूरत होगी और कमाई का कोई साधन भी नहीं होगा, तो इससे मुश्किल पैदा हो सकती है। हार्ट आपरेशन, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, आर्गन रिमूवल जैसे बड़े खर्चो के लिए भी आपको तैयार रहना पड़ेगा। बढ़ती उम्र में इस तरह की दिक्कतें होना आम बात है। जिस तरह हेल्थेकेयर की लागत दिनोंदिन आसमान छू रही है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि तब तक हेल्थकेयर की लागत आज के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा हो जाएगी। इसके लिए जरूरी है कि आप हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज का इंतजाम रखें। यह भी ख्याल रखें कि 65 साल की उम्र के बाद हेल्थ इंश्योरेंस की लागत भी काफी बढ़ जाएगी।
कितनी राशि जोड़ें
यह बड़ा ही आम सवाल है कि जिस तरह की लाइफ स्टाइल हम आज जी रहे हैं, तीस साल बाद उसी तरह की लाइफ स्टाइल के लिए हमें कितनी रकम चाहिए होगी? रिटायरमेंट के बाद आपको आज के मुकाबले करीब 60-100 फीसदी रकम चाहिए होगी। बतौर उदाहरण, अगर रिटायरमेंट के समय आप अपनी लाइफ स्टाइल पर सालाना छह लाख या हर माह पचास हजार रुपये खर्च कर रहे हैं तो रिटायरमेंट के बाद यह राशि 30-50 हजार रुपये के बीच होगी।
अगर आप 40 साल की उम्र में ही रिटायरमेंट लेने की सोच रहे हैं, तो 80 साल के हिसाब से आपको बकाया 40 साल जीवनयापन करने के लिए उसी हिसाब से ज्यादा पूंजी जुटानी होगी।
रिटायरमेंट के लिए एक्शन प्लान
लाइफ स्टाइल की लागत निकालें : सबसे पहले यह तय करें कि रिटायरमेंट के बाद आप कैसी जिंदगी गुजारना चाहते हैं और उसके लिए आपको कितनी रकम की जरूरत होगी। इन सबके बीच मुद्रास्फीति दर को भी अपने जहन में रखें। अब गणना करें कि 25 या 30 साल में इतनी रकम जुटाने के लिए आपको सालाना कितनी राशि निवेश करनी चाहिए और उसी हिसाब से निवेश साधन चुनकर बचत शुरू कर दें।
अभी से शुरू करें बचत:
अगर आप युवा हैं तो अपनी कमाई का 10 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट के लिए बचाना शुरू कर दें। आप जितनी जल्दी बचत करना शुरू कर देंगे, कंपाउंडिंग का उतना ज्यादा लाभ उठा सकेंगे। अगर आप प्रौढ़ हैं तो कमाई का 40 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट के लिए बचाना ठीक रहेगा। रिटायरमेंट के समय आपको एक बड़ी पूंजी मिले, इसका भी इंतजाम करना चाहिए ताकि उस रकम से नियमित कमाई के साधन जुटाए जा सकें।
कम भागदौड़ वाले साधन चुनें: जाहिर सी बात है कि रिटायरमेंट के बाद आप ज्यादा भागदौड़ करने की स्थिति में नहीं होंगे। इसलिए ऐसे साधनों में निवेश करें, जहां से आपको बैठे-बैठे कमाई होती रहे। बतौर उदाहरण, आप प्रापर्टी में निवेश कर सकते हैं जिससे आपको बिना कुछ किए किराया मिलता रहेगा। या कोई ऐसा निवेश साधन चुन सकते हैं जिससे लाभांश या ब्याज के रूप में आय होती रहे।
माधव
मई 7, 2010 at 3:43 अपराह्न
good advice ,my papa has bought some child policy eg LIC Jeevan Anand for me , is it good enough?
चला बिहारी ब्लॉगर बनने
मई 7, 2010 at 8:14 अपराह्न
एकदम सोचने वाला बिसय को आप एतना बढिया से समझाएँ हैं कि हर आदमी को सोचना चाहिए… जवानी को रोकना त किसी के हाथ में नहीं है, लेकिन बुढापा को मधुर बनाने के लिए आपका बात मानना चाहिए… सवा सोरह आने सच!!
राज भाटिय़ा
मई 7, 2010 at 8:25 अपराह्न
बिलकुल सही कहा आप ने,धन्यवाद
मनोज कुमार
मई 7, 2010 at 10:27 अपराह्न
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
इसे 08.05.10 की चिट्ठा चर्चा (सुबह 06 बजे) में शामिल किया गया है।
http://chitthacharcha.blogspot.com/
देव कुमार झा
मई 8, 2010 at 1:58 पूर्वाह्न
बहुत सही…
काजल कुमार Kajal Kumar
मई 8, 2010 at 3:47 अपराह्न
आपने तो एक बारगी डरा ही दिया.
Babli
मई 8, 2010 at 7:34 अपराह्न
आपने बिल्कुल सही कहा है! उम्दा प्रस्तुती!
Rajeev Gupta
अप्रैल 24, 2015 at 12:32 अपराह्न
we should not ignore retirement planning because it is very important for our second inning of life.