राम नवमी को पूरा एक साल हो जायगा जब चतुर्भुज नाथ के पहली वार दर्शन हुये थे |
होते भी केसे वह मैनपुरी नरेश के आराद्य जो थे वह तो किले मे ही रहते थे , पहले राजा
पूजते थे उनके वाद ताले मे रहते थे | कभी फिर पूजा हुई या नही चतुर्भज नाथ ही जाने |
बिगत वर्ष राम नवमी पर राजा जी के राम मंदिर गये तो देखा एक श्याम वर्ण की
आकर्षक प्रतिमा और मूर्तियों के साथ रखी है| पूछने पर पता चला की यह राजा साहब
दुआर पूजित चतुर्भुज नाथ की प्रतिमा है , किले से मन्दिर मे लाकर रखी गयी है|
क्या पता था वह पहले और आखरी दर्शन होगे ? दो तीन माह बाद पता चला की एक दिन
चतुर्भुज नाथ का विग्रह मन्दिर से गायब है !! जो आज तक गायव है लोगो द्वारा पुजारी
से पूछने उसने बताया की विग्रह नहलाते समय था ,बाद मे गायब हो गया | किला प्रसाशको
बाद मे पुलिस को भी बताया , लेकिन कुछ नही होना था तो नही हुआ | जेसी चतुर्भज नाथ की
मर्जी !! लगता है बाहर ही जाना था, इसी लिये किले से बाहर आये
थे !!
और चतुर्भुज नाथ गायब हो गए !!!!
01
अप्रैल
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शिवम् मिश्रा
अप्रैल 1, 2009 at 2:03 अपराह्न
Good post.Keep going.
हृदेश सिंह
अप्रैल 1, 2009 at 5:57 अपराह्न
dukh huya dost.insano ke bich aab bhgwan nahi rehan chahte.shyad isliye ve chale gaye!